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राजपूत जाति का इतिहास | Rajput History in Hindi

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Rajput History in Hindi (राजपूतों का इतिहास) : हेलो दोस्तों! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ "राजपूत जाति का इतिहास (Rajput History)" शेयर कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको "राजपूती इतिहास (Rajput History)"   के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर मिलेगा। इस लेख में बताए गए तथ्य पूर्ण रूप से इंटरनेट और विकिपीडिया की जानकारी पर आधारित है, इसीलिए किसी भी प्रकार त्रुटि को कमेंट के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं, हम समय-समय पर इस लेख को अपडेट करते रहेंगे। राजपूत जाति का इतिहास - Rajput History in Hindi  राजपूत उत्तर और मध्य भारत के क्षत्रिय कुल के अंश हैं। राजपूत शब्द का जन्म राजपुत्र शब्द से हुआ है, अंग्रेजी हुकूमत के समय में राजपूतों को राजपूताना भी कहा जाता था। विकिपीडिया के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में केवल चार वर्ण होते हैं, लेकिन जैसे ही राजपूत काल की शुरुआत हुई यह वर्ण व्यवस्था जाति व्यवस्था में बदल गई और लोग अलग-अलग जातियो में विभाजित हो गए। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। इतिहासका

चमार (जाटव) जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास | Jatav Chamar History in Hindi

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Jatav (Chamar) History in Hindi (जाटव / चमार जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास) : हेलो दोस्तो! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ "जाटव (चमार) जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास" के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी शेयर करेंगे, उम्मीद करते हैं आपके लिए यह लेख महत्वपूर्ण साबित होगा। चमार जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास - Jatav Chamar History in Hindi जाटव जाति को इतिहास में 'चमार और चर्मकार' नाम से जाना जाता था, इस जाति का इतिहास प्राचीन भारत के समय से अस्तित्व में रहा है। चमार जाति की उत्पत्ति के विषय में इतिहासकारों के अलग अलग मत है, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि बीसवीं सदी से पहले चमार चंद्रवंशी राजपूत थे और इन्हें क्षत्रिय समुदाय में गिना जाता था, लेकिन उस समय की आंतरिक लड़कियों के चलते इन्हें क्षत्रिय समुदाय से अलग कर दिया गया और चमार जाति को शुद्र जाति में गिना जाने लगा। लेकिन इस कहानी का उल्लेख किसी भी ऐतिहासिक पुस्तक एवं ग्रंथ में देखने को नहीं मिलता है, इसीलिए इस कहानी को पूर्ण सत्य नहीं माना जा सकता। वर्तमान समय में इनकी मुख्य जनसंख्या 'उत्तर प्रदेश, कानप

यादव अहीर जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास | Yadav / Ahir History in Hindi

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Yadav / Ahir History in Hindi (यादव अहीर जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास) : हेलो दोस्तो! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ "Yadav / Ahir History" शेयर करने वाले हैं। आप सभी को पता होगा कि वर्तमान समय में "यादव अहीर (Yadav / Ahir)" जाति के लोगों को समाज में सम्मान की नजरों से देखा जाता है, इस सम्मान का एकमात्र कारण यादव समाज के लोगों का गौरवाविंत कर देने वाला इतिहास है। इसीलिए आज इस लेख के माध्यम से हम "यादव समाज के उस इतिहास" का जिक्र करने वाले हैं, उम्मीद करते हैं यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यादव अहीर जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास - Yadav / Ahir History in Hindi यादव जाति की उत्पत्ति के विषय में इतिहास के महान राजा "यदु" (यदुवंश) का नाम लिया जाता है। कई इतिहासकारों के अनुसार "यदुवंश" के लोग ही यादव जाति के पूर्वज थे। यादव वंश मुख्यत आभीर (वर्तमान अहीर), अंधक, व्रष्णि तथा सत्वत नामक समुदायों से मिलकर बना है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों में उपलब्ध कहानियों के अनुसार यादव जाति के लोग भगवान कृष्ण के उपासक थे। कुछ इतिह

जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास | Jaat (Jatt) History in Hindi

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Jaat (Jatt) History in Hindi (जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास) हेलो दोस्तो! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ Jaat (Jatt) History in Hindi (जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास) शेयर करेंगे। जाट जाति वर्तमान समय की सबसे प्रतिष्ठित जातियों में से एक मानी जाती है। जाट क्षत्रिय समुदाय के अभिन्न अंग माने जाते हैं, इनका विस्तार भारत में मुख्यत: "पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि भारत के पठार इलाकों मैं है। पंजाब में जट्ट (Jatt) एवं अन्य राज्यों में इन्हें जाट (Jaat) नाम से संबोधित किया जाता है। जाट समाज के लोग आज के आधुनिक युग में अपनी पुरानी परंपराओं से जुड़े हुए हैं, इस जाति की सामाजिक संरचना बेजोड़ है। जाट समाज की  गोत्र  और खाफ व्यवस्था प्राचीन समय की मानी जाती है। क्या आपको "जाट जाति के इतिहास" के बारे में पता है? अगर आपको "जाट जाति के इतिहास एवं उत्पत्ति" के बारे में नहीं पता तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ "जाट समाज की उत्पत्ति एवं इतिहास (Jaat History)" शेयर करेंगे। जाट जाति की उत्पत्ति

ब्राह्मण जाति (समाज) की उत्पत्ति एवं इतिहास | Pandit Brahmin History in Hindi

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ब्राह्मण जाति (समाज) की उत्पत्ति एवं इतिहास - Pandit Brahmin History in Hindi हेलो दोस्तो! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ ब्राह्मण जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास (Brahmin History) के बारे में बात करेंगे। ब्राह्मण समाज की अगर बात करें तो ब्राह्मण समाज दुनिया के सबसे पुराने संप्रदाय एवं जाति में से एक है। पुराने वेदो एवं उपनिषदों के अनुसार "ब्राह्मण समाज का इतिहास" , सृष्टि के रचयिता "ब्रह्मा" से जुड़ा हुआ है। वेदों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि "ब्राह्मणों की उत्पत्ति" हिंदू धर्म के देवता "ब्रह्मा" से हुई थी। ऐसा माना जाता है कि वर्तमान समय में जितने भी ब्राह्मण समाज के लोग हैं वे सब भगवान ब्रह्मा के वंशज हैं। प्राचीन भारत में ब्राह्मणों का इतिहास ब्राह्मण जाति का इतिहास प्राचीन भारत से भी पुराना माना जाता है, ब्राह्मण जाति की जड़े वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं। प्राचीन काल से ही ब्राह्मण जाति के लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, उस समय ब्राह्मण जाति के लोग सबसे ज्ञानी माने जाते थे। इस जाति के लोगों को प्राचीन काल से ही उच

महान कवि कबीर दास का जीवन परिचय | Kabir Das Biography in Hindi

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Kabir Das Biography in Hindi ( कबीर दास का जीवन परिचय ) :   कबीर दास भारतीय इतिहास के महान संत एवं कवि थे. संत  कबीर दास के दोहे आज के दौर में लोगों को बेहतर रास्ता और अमूल्य बातें बताने का काम करते हैं. कबीर दास (Kabir das) अधिक पढ़े-लिखे ना होने के बावजूद भी अपने समय के सबसे बड़े समाज सुधारक संत के रूप में जाने जाते हैं.   कबीर दास (Kabir das) भक्ति काल के प्रमुख साहित्यकार थे. कबीर दास ने हिंदू मुस्लिम दोनों जातियों को एक सूत्र की डोर में बांधने का प्रयास किया. कबीर दास को हिंदू मुस्लिम एकता का पहला प्रवर्तक माना जाता है. उन्होंने भारतीय समाज को दकियानूसी एवं तंगदिली सोच से से बाहर निकाल कर एक नई राह पर डालने का प्रयास किया. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको कबीर दास (Kabir das) के जीवन परिचय से अवगत कराएंगे आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आएगा. पूरा नाम               -       कबीर दास (Kabir das). जन्म                    -      संवत 1455, लहरतारा (उत्तर प्रदेश). माता पिता का नाम  -      अज्ञात (विधवा ब्राह्मणी). पत्नी का नाम         -      लोई. गुरु का नाम   

तुलसीदास जी का जीवन परिचय | Tulsidas Biography in Hindi

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Tulsidas Biography in Hindi ( तुलसीदास जी का जीवन परिचय ) : महान कवि तुलसीदास जी भारत के मुख्य कवियों में से एक थे. उन्होंने हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय एवं पवित्र ग्रंथ "रामचरितमानस" की रचना की थी. उनके द्वारा "रामचरितमानस" में लिखे हुए दोहे और चौपाईयों से हिंदू समाज के लोग भाव विभोर हो जाते थे. कवि "तुलसीदास जी" ने अपने जीवन काल में कई ग्रंथ और पुस्तकों की रचना की थी, लेकिन उनके द्वारा लिखित 'रामचरितमानस' को हिंदू धर्म में विशेष आस्था प्रधान है. उन्होंने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में इसलिए की ताकि जन साधारण लोग रामचरितमानस का पाठ आसानी से कर सके. आज हम इस लेख के माध्यम से आप को महान कवि "तुलसीदास जी के जीवन परिचय" से अवगत कराएंगे. पूरा नाम       -        तुलसीदास (Tulsidas). जन्मतिथि     -        सन, 1532. जन्म स्थान    -        राजापुर (उत्तर प्रदेश). गुरु              -       संत नरहरि दास. पत्नी            -        रत्नावली. मृत्यु             -       सन, 1623 (काशी). तुलसीदास जी का जीवन परिचय -

महर्षि पतंजलि जीवन परिचय | Maharishi Patanjali Biography in Hindi

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Maharishi Patanjali Biography, History, Story in Hindi (महर्षि पतंजलि का जीवन परिचय) : प्राचीन भारत में ऐसे अनेकों महापुरुषों ने जन्म लिया था, जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं आलोक को दूर-दूर तक कई देशों तक पहुंचाया. ऐसे ही महान ऋषि-मुनियों में से एक है "महर्षि पतंजलि" इन्होंने दुनिया को योग जैसे प्रतिष्ठित कला से नवाजा है. आज के युग में योग पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुका है, और लाखों लोगों को योग करने से लाभ हो रहा है. इसका पूरा श्रेय "महर्षि पतंजलि" को जाता है. आज इस लेख के माध्यम से हम योग शास्त्र के जनक महर्षि पतंजलि के बारे में विस्तार से जानेंगे. महर्षि पतंजलि जीवन परिचय - Maharishi Patanjali Biography in Hindi महर्षि पतंजलि भारत के लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक हैं. इनके जन्म के विषय में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता है. कई अंदाजन प्रमाणों के अनुसार पतंजलि ऋषि पाटलिपुत्र के राजा पुष्यमित्र शुंग के समकालीन (185 से 63 ईसा पूर्व) के माने जाते हैं. महर्षि पतंजलि अपने तीन प्रमुख कार्यों के लिए विख्यात हैं. प्रथम तो व्याकरण की पुस्तक 'म

गुर्जर जाति का इतिहास | Gurjar (Gujjar) History in Hindi

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Gurjar, Gujjar History in Hindi (गुर्जर जाति का इतिहास) : हेलो दोस्तों! गुर्जर समाज का इतिहास (History) पांचवी शताब्दी से भारत के इतिहास में दर्ज है. वर्तमान समय में गुर्जर समुदाय प्रतिष्ठित समाज में से एक है. इस समय गुर्जर समुदाय कई  गोत्रों में विभाजित है. इस समुदाय के लोग गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर (Gurjar), गूर्जर (Gujjar) और वीर गुर्जर  के नामों से जाने जाते हैं. गुर्जर जाति का विस्तार उत्तर भारत, मध्य भारत, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि जगहों पर अधिक है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में खान गुर्जर पाए जाते हैं. बताया जाता है कि खान गुर्जर पहले हिंदू थे, बाद में भारत पाकिस्तान के बटवारे के समय इनका धर्म परिवर्तन किया गया था. आज इस लेख के माध्यम से हम "गुर्जर जाति के इतिहास"   के बारे में विस्तार से जानेंगे. गुर्जर जाति का इतिहास - Gurjar (Gujjar) History in Hindi गुर्जर जाति का उल्लेख 5 वी शताब्दी से इतिहास के पन्नों व शिलालेखों में दर्ज है. इतिहास के अनुसार बताया जाता है कि प्राचीन समय में गुर्जर जाति के लोग युद्ध कला मे

जोधा अकबर की पूरी कहानी | Jodha Akbar History in Hindi

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  Jodha Akbar History/ Story/ Essay in Hindi : हेलो दोस्तो, Jodha Akbar की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की अनसुलझी कहानियों में से एक है. ' जोधा  अकबर  की ऐतिहासिक प्रेम कहानी '  के बारे में इतिहासकारों के बीच मतभेद है. जिनमें से कुछ लोग जोधा अकबर की पूरी कहानी को सत्य कहानी मानते हैं. वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है, कि जोधा नामक किरदार का अस्तित्व इतिहास में कहीं देखने को नही मिलता है.  जोधा के किरदार को किसी लेखक या कवि ने अपनी कल्पना के आधार पर बनाया है. यदि जोधा का किरदार एक मात्र कल्पना है तो यह काल्पनिक पात्र को लेखन द्वारा लेखक ने बड़ी ही सहजता से शब्दों में पिरोया है. लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से दो समुदाय एवं संस्कृतियों का अनूठा संगम दिखाया है. आज इस लेख के माध्यम से हम "जोधा अकबर की पूरी कहानी" के बारे में विस्तार से बताएंगे. तो चलिए दोस्तों जानते हैं, History Of Jodha Akbar in Hindi -   संबंधित लेख - ■  अकबर का पूरा इतिहास जोधा अकबर की पूरी कहानी - Jodha Akbar in Hindi साल 2008 में निर्देशक आशुतोष गोवारेकर के द्वारा बनी फिल्म "जोधा