जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास | Jaat (Jatt) History in Hindi
Jaat (Jatt) History in Hindi (जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास)
हेलो दोस्तो! आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ Jaat (Jatt) History in Hindi (जाट जाति की उत्पत्ति एवं इतिहास) शेयर करेंगे। जाट जाति वर्तमान समय की सबसे प्रतिष्ठित जातियों में से एक मानी जाती है। जाट क्षत्रिय समुदाय के अभिन्न अंग माने जाते हैं, इनका विस्तार भारत में मुख्यत: "पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि भारत के पठार इलाकों मैं है।पंजाब में जट्ट (Jatt) एवं अन्य राज्यों में इन्हें जाट (Jaat) नाम से संबोधित किया जाता है। जाट समाज के लोग आज के आधुनिक युग में अपनी पुरानी परंपराओं से जुड़े हुए हैं, इस जाति की सामाजिक संरचना बेजोड़ है। जाट समाज की गोत्र और खाफ व्यवस्था प्राचीन समय की मानी जाती है। क्या आपको "जाट जाति के इतिहास" के बारे में पता है? अगर आपको "जाट जाति के इतिहास एवं उत्पत्ति" के बारे में नहीं पता तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ "जाट समाज की उत्पत्ति एवं इतिहास (Jaat History)" शेयर करेंगे।
जाट जाति की उत्पत्ति
इसके अलावा एक प्राचीनतम कथा के अनुसार भगवान शिव शंकर से जाट समुदाय की उत्पत्ति को जोड़कर देखा जाता है, इस मान्यता के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, यह कहानी 'देवसंहिता' नामक पुस्तक में उल्लेखित है। इस कहानी के अनुसार शिव के ससुर राजा दक्ष ने हरिद्वार के पास 'कनखल' में एक यज्ञ का आयोजन किया था। इस यज्ञ में सभी देवी देवताओं को बुलाया गया लेकिन भगवान शिव और शिव की पत्नी 'सती' को कोई निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ।
जब सती को पिता के द्वारा यज्ञ के बारे में खबर प्राप्त हुई तो शिव से बिना निमंत्रण के अपने पिता के यज्ञ कार्यक्रम में जाने की आज्ञा मांगी। शिव ने उन्हें यह कहकर आज्ञा दे दी कि - "तुम उनकी पुत्री हो और तुम्हे अपने घर बिना निमंत्रण के भी जा सकती हो" शिव से अनुमति लेकर सती अपने पिता के द्वारा आयोजित यज्ञ कार्यक्रम में जा पहुंची, लेकिन वहां सती को अपमानित किया गया एवं शिव के बारे में भी बुरा भला कहा गया। इसी बात पर क्रोधित होकर सती ने हवन कुंड में कूदकर आत्मदाह कर लिया।
जब इस बात का पता भगवान शिव को चला तो वह क्रोधित हो उठे और अपनी जटाओं से वीरभद्र नामक गण को बनाते हैं। वीरभद्र यज्ञ आयोजित किए जाने वाले स्थान पर जाकर नरसंहार करता है, तथा शिव के ससुर दक्ष का सर काट देता है। इस नरसंहार को रोकने के लिए भगवान विष्णु, ब्रह्मा और सभी देवी देवता शिव से राजा दक्ष को माफ करने की याचना करते हैं। सभी देवी देवताओं की विनती के बाद भगवान शिव शांत हो जाते हैं और राजा दक्ष को पुनर्जीवित कर देते हैं।
इस कथा के अंतर्गत जो इस कहानी में वीरभद्र नामक किरदार है, उसे जाट समाज का पूर्वज माना जाता है। कई पुस्तकों में उल्लेख मिलता है कि वीरभद्र से जाट समुदाय की उत्पत्ति हुई थी। इस बात में कितनी सच्चाई है, इसका पुख्ता प्रमाण किसी के पास नहीं है।
जाट समाज की धार्मिक धारणा
इतिहासकार सुखवंत सिंह के अनुसार जाट क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, एक असली जाट स्वाभिमानी और परोपकारी स्वभाव का होता है जो कमजोर लोगों की सहायता करता है। जाटों ने कभी ब्राह्मणवाद को स्वीकार नहीं किया। जाट समाज के लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं, जिसे भंडारा कहा जाता है। इस जाति के लोग भगवान कृष्ण को अपना पूर्वज मानते हैं, लेकिन इस बात का प्रमाण किसी भी ग्रंथ में देखने को नहीं मिलता है। जाटों की उत्पत्ति के विषय में इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं, लेकिन मुख्यत: मूल रूप से इस जाति के लोग भारतीय हैं।जाटों की वर्तमान स्थिति
जाटों की वर्तमान स्थिति पहले से बेहतर है, ज्यादातर जाट मुख्य रूप से खेती करते हैं। इस जाति के लोग मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। आजकल भारतीय खेल जगत में जाट जाति के लोगों का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, आने वाले समय में जाट जाति के लोग खेल जगत में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। जाट समाज के लोगों की आर्थिक Growth Rate अन्य जातियों के मुकाबले बेहतर है।जाटों की जनसंख्या
21वीं सदी के पूर्वार्द्ध में, पंजाब की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत जाट थी, लगभग 10 प्रतिशत जनसंख्या ब्लोचिस्तान, राजस्थान और दिल्ली तथा 2 से 5 प्रतिशत जनसंख्या सिन्ध, उत्तर-पश्चिम सीमान्त और उत्तर प्रदेश में रहती थी। पाकिस्तान के 40 लाख जाट मुस्लिम हैं; भारत के लगभग 60 लाख जाट दो अलग जातियों के रूप में विभाजित हैं: एक सिख जो मुख्यतः पंजाब केन्द्रित हैं तथा अन्य हिन्दू हैं।इतिहास के महान जाट
- महाराजा रणजीत सिंह
- महाराजा सूरजमल
- तेजाजी
- महाराजा जवाहर सिंह
- राजा पोरस
संबंधित प्रोडक्ट (Marchandise)
यदि आप अपनी जाति से संबंधित Cool T-shirt | Mug | Historical Books एवं अन्य प्रोडक्ट इत्यादि खरीदने में रुचि रखते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से सभी प्रोडक्ट को देखकर अपनी सहूलियत के हिसाब से खरीद सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक से आप कोई भी प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो आपको Best Deal और अच्छा डिस्काउंट मिल जाएगा। संबंधित प्रोडक्ट की एक झलक आप नीचे दिये गए फोटो में देख सकते हैं।Buy Now Jaat T-Shirt-ClickHere
Buy Now Jaat Mugs-ClickHere
दोस्तों! "Jaat History in Hindi (जाट उत्पत्ति एवं इतिहास)" के बारे में आपके क्या सुझाव है नीचे कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। यदि आपको जाट संबंधी यह लेख पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से इस लेख को शेयर कर सकते हैं। आप भविष्य में भी ऐसे लेख पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमारे ब्लॉग Top Hindi Story पर विजिट करते रहिए. यदि आप हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो हमारे Contact us पेज और Facebook पेज पर हम से संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद
सभी आर्टिकल देखने के लिए-यहाँ क्लिक करे
संबंधित लेख : ⬇
- जाट समाज के गोत्रों की सूची
- जाट को काबू कैसे करें
- हरियाणवी Facebook Status
- Jaat Attitude Status in Hindi