दुष्ट की संगति का फल | 2 Short Hindi Stories With Moral Values
Short Hindi Stories With Moral Values : यह hindi kahani दो पक्षियों के ऊपर आधारित है. लेकिन इस कहानी के अंदर जो संदेश छिपा है वह असल जिंदगी में बिल्कुल सटीक बैठता है. अगर आपको "Short Hindi Stories With Moral Values" के साथ पसंद है. तो आप इस ब्लॉग पर रेगुलर विजिट कर सकते हैं. क्योंकि मैं यहां पर शिक्षाप्रद कहानियां और अन्य लेख लिखता रहता हूं. आज की हमारी कहानी का शीर्षक है - "दुष्ट की संगति का फल". आपको यह "Short Hindi Stories With Moral" पसंद आए तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं.
दुष्ट की संगति का फल - Short Hindi Stories With Moral Values
#1 : दुष्ट की संगति (Moral Story in Hindi)
एक दिन दोपहर का समय था. सूर्य तप रहा था. तभी एक शिकारी थका-मांदा पीपल के वृक्ष के नीचे आ पहुंचा. शिकारी धनुष बाण को बगल में रख कर पेड़ की ठंडी छाया में गहरी नींद में सो गया. सोए हुए शिकारी के चेहरे पर पीपल के पत्तों से छनकर आती हुई सूर्य की धूप पड़ रही थी.
हंस ने देखा तो उसके मन में दया आ गई. उसने सोचा कि शिकारी थका हुआ और गहरी नींद में है. कहीं ऐसा ना हो कि चेहरे पर धूप पड़ने के कारण उसकी नींद में बांधा आए. अतः उसने पीपल के पत्तों के बीच में अपने पंख फैला दिये. जिससे धूप की जगह पर छाया शिकारी के मुंह पर पड़ने लगी.
कौआ हंस के सज्जनता पूर्ण कार्य को देखकर जल भुन गया. और उसने नीचे जाकर शिकारी के चेहरे पर जाकर मूत्र कर दिया. जिससे शिकारी की नींद खुल गई. वह क्रोधित हो उठा. कौआ तो चेहरे पर मूत्र करके उड़कर दूसरे वृक्ष पर चला गया. किंतु हंस अपने स्थान पर ही विद्यमान रहा. उसे शिकारी से डरने की क्या आवश्यकता थी? क्योंकि उसने तो शिकारी के प्रति अच्छा व्यवहार किया था और उसे सुख पहुंचाने का प्रयत्न किया था.
शिकारी ने क्रुद्ध होकर जब वृक्ष के ऊपर देखा तो उसे डाल पर बैठा हुआ हंस दिखाई दिया. उसने सोचा कि हो ना हो इस हंस ने ही मेरे ऊपर मूत्र विसर्जन किया है. उसने धनुष को उठाया और उस पर बाण चढ़ाकर हंस की ओर चला दिया. बाण हंस की छाती में जा धसा और वह भूमि पर गिर पड़ा और छटपटा कर मर गया.
शिक्षा - हंस की मृत्यु दुष्ट प्रवृत्ति के कौवे के साथ रहने के कारण हुई. जो लोग दुष्ट की संगति में रहते हैं. वे हंस की भांति अपने प्राणों से हाथ धोते हैं.
#2 : Short Hindi Stories With Moral Values
बहुत दिनों पहले की बात है. एक बार पक्षियों के राजा गरुड़ समुद्र तट पर घूमने के लिए गए. पक्षियों को जब यह बात पता चली तो वे झुंड के झुंड गरुड़ का दर्शन करने के लिए समुंद्र पर पहुंचने लगे. एक वृक्ष के ऊपर एक कौआ और एक बटेर दोनों साथ-साथ रहते थे. कौआ के कानों में जब गरुड़ के आगमन की खबर पढ़ी तो वह भी उनके दर्शन के लिए चल पड़ा.
बटेर भी गरुड़ का दर्शन करना चाहता था. अतः वह भी कौवे के पीछे पीछे चल पड़ा. कौवे को मार्ग में एक ग्वालिन दिखाई पड़ी. वह अपने सिर के ऊपर दही की मटकी रखे हुई थी. दही को देख कर कोवे के मुंह में पानी आ गया. वह मटकी पर जा बैठा और उसके भीतर उतर कर चोंच से दही खाने लगा. बटेर ने भी कोवे का अनुकरण किया और वह भी दही खाने के लिए मटकी के भीतर जा पहुंचा. ग्वालिन ने अपने घर पहुंचकर जब मटकी को नीचे उतार कर रखा तो कौआ भाग गया. किंतु बटेर भाग ना सका. ग्वालिन की पकड़ में कौआ तो नहीं आया.
शिक्षा - अतः आप के लिए यही अच्छा है कि आप दुष्ट लोगों से हमेशा दूर रहें. क्योंकि दुष्ट संगति के कारण आपको हानि पहुंच सकती है.प्रिय पाठको! आपको यह "Short Hindi Stories With Moral Values" कहानियां कैसी लगी? यदि आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं. अगर आपको यह "Short Hindi Stories" पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करें. यदि आप हमसे बात करना चाहते हैं. तो हमारे Contact Us पेज और Facebook पेज पर हम से कांटेक्ट कर सकते हैं. धन्यवाद
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