भगवत गीता उपदेश | Bhagwat Geeta Krishna Quotes in Hindi


Bhagwat Geeta Krishna Updesh (Quotes) in Hindi : मित्रों! आज हम आपके बीच लेकर आए हैं. श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद के कुछ प्रमुख भगवत गीता उपदेश (Bhagwat Geeta Krishna Updesh). जो श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिए थे. ऐसा माना जाता है, कि "Bhagwat Geeta" मैं इंसान की हर समस्या का समाधान छिपा है. तो चलिए दोस्तों जानते हैं. भगवत गीता के कुछ अनमोल विचारों (Quotes) को जो श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए थे.

भगवत गीता उपदेश - Bhagwat Geeta Krishna Updesh (Quotes) in Hindi

Geeta Quotes in Hindi

1 :
विवेकी पुरुष आत्मा को अविनाशी जानते हैं, पर इस शरीर का मरण ही धर्म है। यह जानकर बुद्धिमान व्यक्ति किसी का शोक नहीं करता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

2 : राजस और तामस तीन प्रकार के होते हैं, 'यज्ञ, दान, तप' जैसे कर्म त्याग नहीं है। ठीक वैसे ही इन कामो को अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इनसे बुद्धिमान पुरुष पवित्र होते है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh


3 : मन, वाणी एवं शरीर से होने वाले प्रत्येक कर्म में यही पांच कारक होते हैं। ऐसा होते हुए भी जो केवल आत्मा को कर्ता मानते हैं। वह मंदबुद्धि कुछ नहीं जानते। जिसको कर्तापन का अभिमान नहीं है और जिसकी बुद्धि कर्मों में लिप्त नहीं है, वह प्राणियों का वध करके भी पाप का भागी होता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

4 : राजस कर्म वह है, जो फल की इच्छा से परिश्रम युक्त और अहंकार युक्त किया जाए। परिणाम, हानि, हिंसा और बलावल का विचार न कर अज्ञान वश किया हुआ कर्म तामसी होता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

5 : जो व्यक्ति अपने-अपने कर्म में रत रहकर सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। वह भी सुनो। "जिससे समस्त भूतों की उत्पत्ति हुई है, और जिसमें सब सृष्टि व्याप्त है! उस परमात्मा का अपने कर्मों से पूजन करके मनुष्य सिद्धि को प्राप्त कर सकता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

Geeta Quotes

6 : निष्काम कर्म योगी सब कुछ करते हुए सनातन परमपद को मेरी कृपा से पा लेता है। अतः समस्त कर्मों को मेरे अर्पण कर मेरे परायण हो बुद्धि योग के सहारे से निरंतर मुक्त चित् को लगा मेरी कृपा प्राप्त करने से तुम्हारा उद्धार हो जाएगा। यदि अभिमान वश मेरी अवहेलना करोगे तो नष्ट हो जाओगे। (Geeta Quotes) Geeta Updesh


7 : सभी वेदों में जानने योग्य विषय में ही हूं। तथा वेदों का करता और ज्ञाता भी मैं ही हूं। इस सृष्टि में नाशवान और अविनाशी दो प्रकार की चीजे है, और नाशवान तो यह शरीर है। तथा आत्मा अविनाशी (अमर) में ही हूँ। इन दोनों में कि जो कोई प्रधान चीज है वह तो कुछ और ही है। जो तीनों लोकों में प्रवेश कर सब को भरण पोषण करता है और परमात्मा कहा जाता है। वास्तव में नाशवान और अविनाशी दोनों में उत्तम मैं ही हूं। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

8 : प्रकाश प्रवत्ति और मुंह होते हुए भी जो व्यक्ति व्याकुल ना हो, तथा निवृत हो जाने के पश्चात जिसे इच्छा उत्पन्न ना हो, जिसे गुणों के बहुमूल्य में  सुख दुख का अनुभव ना हो। तथा गुणों मैं वर्तनी स्वाभाविक ही समस्त कभी विचलित ना होकर निश्चित रहता हो। जो सुख-दुख , मिट्टी और पत्थर , प्रिय , अप्रिय , प्रशंसा और प्रशंसा  धरण एवं धैर्यवान हो जो मान-अपमान एवं मित्र तथा शत्रुओं में भी सम हो और जो समस्त कार्यों में कर्तापन का भाग प्रत्यारोपित न करता हो। ऐसा पुरुष त्रिगुनतीत कहा जाता है। जो मनुष्य निरंतर समान एवं अनन्य भाग में मेरा भजन करता है। वह शत रज आदि गुणों को भली-भांति विजय प्राप्त कर ब्रह्मा प्राप्ति के योग्य हो जाता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

9 : ऐसा भक्त जो शत्रु-मित्र, मान-अपमान , सर्दी-गर्मी तथा सुख-दुख में सम और संसारिक माया से रहित है। जो निंदा और स्तुति में सम तथा सदेव मनन करने वाला है। जो ममता रहित है एवं जिसे किसी स्थान विशेष में भी मोह नहीं होता तथा संतोषी स्वभाव और बुद्धि वाला है। वह भक्त मुझे अत्यंत प्रिय है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

Geeta Quotes in Hindi

10 : जो भक्त समस्त कर्मों को मेरे अर्पण कर मुक्ति सगुण-साकार परमात्मा को नित्य-निरंतर ध्यान में ही चिंतन करते हुए भजते हैं, और जो अपने में चित् लगाने वाले उन प्रेमियों का में मृत्यु रूपी गहन संसार सागर से उद्धार कर देता हूं। अंतः तुम मुक्ति में ही मन और बुद्धि को लगा दो। जिससे तुम निसंदेह मुक्ति को प्राप्त होगे। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

गीता उपदेश हिंदी - Geeta Quotes in Hindi

11 : प्रत्येक कर्म को कर्त्तव्य मात्रा समझकर करना चाहिए। स्वरुप से कर्मो का त्याग करने से तो बंधन होता है पर सम्बन्ध न जोड़कर कर्त्तव्य मात्रा समझ कर कर्म करने से मुक्ति होती है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

12 : भय का आभाव , अनन्तःकरण की निर्मलता , तत्ज्ञान के लिए ध्यानयोग में स्थिति , दान , गुरुजन की पूजा , पठन पाठन , अपने धर्म के पालन के लिए कष्ट सहना ये दैवीय सम्प्रदा के लक्षण है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

13 : भगवन अर्जुन से कहते है – तेरा कर्म करने पर अधिकार है कर्म के फल पर नहीं इसलिए तू कर्म के फल की चिंता मत कर और तेरा कर्म न करने में भी आसक्ति न हो। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

14 : सुख – दुःख, लाभ – हानि और जीत – हार की चिंता ना करके मनुष्य को अपनी शक्ति के अनुसार कर्तव्य -कर्म करना चाहिए। ऐसे भाव से कर्म करने पर मनुष्य को पाप नहीं लगता। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

15 : आत्मा अजर अमर है। जो लोग इस आत्मा को मारने वाला या मरने वाला मानते हैं, वे दोनों ही नासमझ हैं आत्मा ना किसी को मारता है और ना ही किसी के द्वारा मारा जा सकता है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

Geeta Quotes

16 : जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

17 : खाली हाथ आये और खाली हाथ वापस चले। जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

18 : बुरे  कर्म  करने  वाले, सबसे  नीच व्यक्ति जो  राक्षसी  प्रवित्तियों  से  जुड़े  हुए  हैं, और  जिनकी  बुद्धि  माया  ने  हर  ली  है  वो  मेरी  पूजा  या  मुझे  पाने  का  प्रयास  नहीं  करते। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

Geeta Quotes

19 : स्वर्ग  प्राप्त  करने  और  वहां  कई  वर्षों  तक  वास  करने  के  पश्चात  एक  असफल  योगी  का  पुन:   एक  पवित्र  और  समृद्ध  कुटुंब  में  जन्म  होता  है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

20 :   जो  मृत्यु  के  समय  मुझे  स्मरण  करते  हुए  अपना  शरीर  त्यागता  है, वह  मेरे  धाम   को प्राप्त  होता  है. इसमें  कोई  शंशय  नहीं है। (Geeta Quotes) Geeta Updesh

More Words : Bhagwat Geeta Quotes

दोस्तों! "Bhagwat Geeta से  Krishna Updesh (Quotes) in Hindi" मे अगर मुझसे कोई त्रुटी हुई हो तो हमे क्षमा करे। क्योंकि भगवत गीता अपने आप में पूर्ण ग्रंथ है। इसको समझना हर इंसान की समझ से परे है। अगर फिर भी आपको कोई त्रुटि लगती है। तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले और रेगुलर अपडेट पाने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। यदि आप हमसे बात करना चाहते हैं तो हमारे Contect Us पेज और Facebook पेज पर हम से संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद

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